JAC Board Latest Update: रांची। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) राज्य के शैक्षणिक ढांचे को अच्छा और समकालीन बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाने की तैयारी में है। कक्षा 8वीं, 9वीं और 11वीं की वार्षिक परीक्षाओं के परीक्षा पैटर्न में बदलाव की योजना पर काम चल रहा है। इस बदलाव का उद्देश्य न केवल छात्रों की बौद्धिक क्षमता को बेहतर तरीके से आंकना है, बल्कि उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयार करना है।
क्यों हो रहा है बदलाव
राज्य में कक्षा आठवीं, नौवीं व 11वीं बोर्ड की परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया जा सकता है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को इस संबंध में शिक्षा विभाग, जेसीइआरटी व झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अधिकारियों की बैठक हुई. बैठक में राज्य में वर्तमान में कक्षा आठवीं, नौवीं व 11वीं की परीक्षा पैटर्न, रिजल्ट प्रकाशन से लेकर इसकी पूरी प्रक्रिया पर चर्चा की गयी
राज्य में कक्षा आठवीं, नौवीं व 11वीं की बोर्ड परीक्षा ओएमआर शीट पर ली जाती है. एक साथ दो विषय की परीक्षा होती है. कक्षा आठवीं में तो एक ही दिन में छह विषयों की परीक्षा हो जाती है.
नया पैटर्न: OMR शीट और बहुविकल्पीय प्रश्न
संभावित बदलावों में सबसे प्रमुख है परीक्षा के प्रारूप में बदलाव। JAC इन कक्षाओं की परीक्षाओं में बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रहा है। साथ ही, उत्तर पुस्तिका के स्थान पर OMR शीट का प्रयोग भी किया जा सकता है।
यह मॉडल पहले से ही कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में अपनाया जा चुका है और अब इसे निचली कक्षाओं में भी लागू करने की योजना है। इससे न केवल मूल्यांकन की प्रक्रिया तेज और सटीक होगी, बल्कि परीक्षा में पारदर्शिता भी बनी रहेगी।
शिक्षक और अभिभावक वर्ग की प्रतिक्रिया
हालांकि कुछ शिक्षकों और अभिभावकों ने इस बदलाव का स्वागत किया है, वहीं कुछ ने चिंता भी जताई है। उनका कहना है कि निचली कक्षाओं में OMR आधारित मूल्यांकन छात्रों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए।
रांची के एक सरकारी विद्यालय के शिक्षक अनिल कुमार का कहना है, “यह एक अच्छी पहल है, लेकिन इसके लिए छात्रों को पहले से प्रशिक्षित करना आवश्यक होगा। उन्हें OMR शीट भरने की प्रक्रिया, समय प्रबंधन और MCQ पैटर्न से परिचित कराना जरूरी है।”
एक अभिभावक, सविता देवी का कहना है, “अगर बच्चों को छोटी कक्षा से ही बोर्ड पैटर्न में ढाला जाएगा, तो वे भविष्य की परीक्षाओं के लिए बेहतर तरीके से तैयार होंगे। लेकिन इसका क्रियान्वयन चरणबद्ध तरीके से होना चाहिए।”
राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की भूमिका
JAC की इस योजना को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार और शिक्षा विभाग को विशेष भूमिका निभानी होगी। स्कूलों में समय पर पाठ्यपुस्तकों की उपलब्धता, शिक्षकों का प्रशिक्षण, तकनीकी संसाधनों की पूर्ति और OMR शीट स्कैनिंग की व्यवस्था जैसे कई पहलुओं पर ध्यान देना आवश्यक है।
शिक्षा विभाग इस संबंध में पहले ही कई चरणों की बैठक कर चुका है और माना जा रहा है कि जल्द ही एक विस्तृत कार्ययोजना सार्वजनिक की जाएगी। यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो आगामी सत्र से इस नए पैटर्न को लागू कर दिया जाएगा।
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